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4 Jul 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।

आदाब दोस्तों ,
दिनांक,,04/07/2024,,,,
बह्र….221 -1222 – 221 – 1222 ,,,
काफ़िया,,,,आर,,/// रदीफ़ ,,, करूँ कैसे !!
💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞
💕 गज़ल 💕
1,,,
तुम नींद में खोये हो ,बे – दार करूँ कैसे !
बस तुमसे मुहब्बत है , इक़रार करूँ कैसे !!💕
2,,
रंग नूर तेरा चेहरा , इस दिल पे हुआ हावी !
लब चूम लिये तेरे , इन्कार करूँ कैसे !!💕
3,,
दिन रात दुआओं में , मशगूल हुए हैं जो !
नाज़ुक से तेरे हाथों को प्यार करूँ कैसे !!💕
4,,
मस्ती है शरारत है, खामोश हया भी है !
नज़रें हैं झुकी तेरी , दीदार करूँ कैसे !!💕
5,,,
रौशन है मेरा दिल भी , जज़बात शमाँ जैसे !
हमराज़ इनायत है , इज़हार करूँ कैसे !!💕

तुम ‘नील’ से ले आये ,अरमान मसर्रत के !
सब हर्फ उठाकर मैं , अश ‘आर करूँ कैसे !!💕

✍नील रूहानी ,,04/07/2022,,,💖
( नीलोफर खान ) ,,,,,,💖

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