ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
🌷एक ख्याल .🌷
दिनांक ..05/06/2022..
1..🌷
अब दिल गूंजते है, लब खामोश रहते !
लम्हें भी रह रह के भी फ़रामोश रहते !!
2…🌷
है यकीं ,कल का भरोसा नहीं है यारों !
काम करना है करो ,अभी होश रहते !!
3..🌷
रूप टिकता है , न रंग टिकता है कभी !
इख़लाक़ को दुरुस्त करो ,जोश रहते !!
4..🌷
हासिल नहीं हुआ है कुछ भी जुल्म से !
मामले सुलझा लो दोश बदोश रहते !!
5..🌷
ज़िन्दगी के जीने का लहजा बदल गया !
जज्बे भी हैं ‘नील’, मगर सरफ़रोश रहते !!
✍नील रूहानी ..05/06/22..🌷.
🌷( नीलोफर खान ).,,🌷