ग़ज़ल
ग़ज़ल = ( 13 )
बह्र 121 22 121 22
फ़ऊल फ़ेलुन फ़ऊल फ़ेलुन
–काफ़िया– आल –रदीफ़ – देंगे
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गज़ल
1,,,
तुम्हें मुहब्बत में ढाल देंगे ,
जहाँ को ऐसी मिसाल देंगे ।
2,,
भरी है आँखें , जो बारिशों सी,
इन्हीं की खातिर , रुमाल देंगे ।
3,,,
मेरा है वादा ये दोस्तों अब ,
तुम्हें ही दरजा कमाल देंगे ।
4,,
जो लोग खुश आपसे हुए तो ,
युगों युगों तक मिसाल देंगे ।
5,,,
खुदा ये कहता क़दम सँभालो,
तो रिज़्क़ तुमको हलाल देंगे ।
6,,,,
करो करिश्मा हो नाम रौशन ,
पदक व मैडल व शाल देंगे ।
7,,,
सफ़र से वापस जो ‘नील’ आयीं ,
गुलाब राहों में , डाल देंगे ।
✍नील रूहानी ,, 21/05/23,,
( नीलोफ़र खान ,, स्वरचित )