Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

ग़ज़ल = ( 4 )
बह्र 221 1222 221 1222
मफ़ऊलु मुफ़ाईलुन मफ़ऊलु मुफ़ाईलुन
काफ़िया: आले ///// रदीफ़: हैं
ग़ज़ल
1,,
दुनिया में मुहब्बत के , हर ओर उजाले हैं ,
आँखों से उतर जाते ,जो आज रिसाले हैं ।मतला
2,,
क्यूं आते नहीं मिलने , क्यूं दूर बसे जाकर ,
अश्कों से भरी आँखें, लब पर भी तो नाले हैं ।
3,,
शादी ही तो की थी बस, दुश्मन वो बने बैठे,
इलज़ाम कई रक्खे , क्यों नाम उछाले हैं ।
4,,
क्यों ज़ुल्म हो औरत पर,क्यों छीन लिए हक़ भी ,
जीने का भी हक़ छीना, कैसे ये रिजा़ले हैं ।
5,,
सदमा वो लिए बैठी , गम जिस्म में दाख़िल था,
बस्ती के फरिश्ते ने , सब ज़ख़्म इजा़ले हैं ।
6,,
पागल हैं हवस में सब, सोचों पे पड़े पत्थर,
दुनिया में यही प्रलय, हर सिम्त छिनाले हैं ।
7,,
छोड़ो भी ये बातें अब, कुछ और बताओ तुम,
जब चांद में हाला है , दिल गम के हवाले हैं ।
8,,
दिल से जो करे पूजा ,विश्वास न भटके जब ,
तब थाल सजा जाना , रौशन ये शिवाले हैं ।
9,,
आसान नहीं होता , दुश्मन को फ़ना करना ,
सरहद पे वही रहते ,जो लोग जियाले हैं ।
10,,
क्यों पार किया उनको ,आए हैं जो साहिल पर,
मज़लूम बिचारे थे , अब “नील” सम्हाले हैं ।

✍️नील रूहानी ,,,, 28/01/2024,,,
( नीलोफर खान,, स्वरचित )

शब्दार्थ __
रिजा़ले का अर्थ / नीच , कमीने
इजा़ले का अर्थ / निराकरण , खात्मा
हाला// चांद का कुंडल,,,

95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मात्र एक पल
मात्र एक पल
Ajay Mishra
आज़ादी के दीवानों ने
आज़ादी के दीवानों ने
करन ''केसरा''
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
Keshav kishor Kumar
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
ruby kumari
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
कामचोर (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बड़े अगर कोई बात कहें तो उसे
बड़े अगर कोई बात कहें तो उसे
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
मिटते ही इंसान के,
मिटते ही इंसान के,
sushil sarna
*पत्थर तैरे सेतु बनाया (कुछ चौपाइयॉं)*
*पत्थर तैरे सेतु बनाया (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
बर्दास्त की आख़िर हद तक देखा मैंने,
बर्दास्त की आख़िर हद तक देखा मैंने,
ओसमणी साहू 'ओश'
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
umesh mehra
सफलता मिलना कब पक्का हो जाता है।
सफलता मिलना कब पक्का हो जाता है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
पूर्वार्थ
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
शेखर सिंह
ढोलकों की थाप पर फगुहा सुनाई दे रहे।
ढोलकों की थाप पर फगुहा सुनाई दे रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
बारिशों में कुछ पतंगें भी उड़ा लिया करो दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Ice
Ice
Santosh kumar Miri
बदलती फितरत
बदलती फितरत
Sûrëkhâ
मतदान और मतदाता
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
इसके सिवा क्या तुमसे कहे
इसके सिवा क्या तुमसे कहे
gurudeenverma198
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर
Shweta Soni
नये वर्ष का आगम-निर्गम
नये वर्ष का आगम-निर्गम
Ramswaroop Dinkar
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
*प्रणय प्रभात*
कुछ कहमुकरियाँ....
कुछ कहमुकरियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
---माँ---
---माँ---
Rituraj shivem verma
" धेले में "
Dr. Kishan tandon kranti
3370⚘ *पूर्णिका* ⚘
3370⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...