ग़ज़ल
जिसने कर रखी है दोस्ती क़िताबों से
उसकी खुशबास है जिंदगी क़िताबों से 🌹
जो लड़ाई न जीती जा सके बयानों से
उसकी कर लेना कभी पैरवी किताबों से 🌹
सीखना कैसे रहा जाता है खुश गम में भी
आती है किस तरह ये सादगी किताबों से🌹
हो भी सकता है हमें इश्क़ इन किताबों से
कर भी सकते हैं कोई दिल्लगी किताबों से🌹