ग़ज़ल,,,,बच्चे शोर मचाते दिखते 🌹
🌹 ताज़ा ग़ज़ल 🌹
दिनांक _ 31/12/2024,,,,से 1/1/2025 तक🌹
इस साल की आख़िरी ग़ज़ल,आपकी नज़र 🥰
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
1,,
बच्चे शोर मचाते दिखते, आया ननिहाल नया ये,
खुशियाँ ऐसी मना रहा है, अंग्रेज़ी साल नया ये ।
2,,
दो हज़ार चौबीस गया,पच्चीस अभी सर सवार है,
छुट्टी के दिन आए हैं , इनका भी ससुराल नया ये।
3,,
भूले हैं व्यवहार सभी, मुँह देखी बस बची मुहब्बत,
बिखरे ख़ानदान जहाँ में , देखा ऐसा हाल नया ये ।
4,,
बच्चों को मोबाइल देकर, उनके मुँह खाना रखकर,
अनजाने बन खेला करते,माँ का भी आमाल नया ये।
5,,
सुबह सुनहरी चली निराली ,बिन कश्ती ,बिन मटकी ही ,
सोहनी को लेने आया फिर प्यारा महिवाल नया ये ।
6,,
मिल कर खुशी मनाओ सब,खुशबू वाला प्यार न बदलो ,
जाति धरम सब रंग हमारे, अपना भी जलाल नया ये ।
7,,
मुस्काती खिलती जाती , रात की रानी शरमा जाती ,
#नील गुलाब महकता रहता ,देखो! ख़ुश ख़ाल नया ये ।
✍️नील रूहानी,,, 31/12/2024,,,,,,🥰
( नीलोफर खान)
संदेश _
आने वाला हर पल आपको खुशी दे ,,,,यही दुआ है हमारी 🤲
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹