Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2023 · 1 min read

*गर्मी देती नहीं दिखाई【बाल कविता-गीतिका】*

गर्मी देती नहीं दिखाई【बाल कविता-गीतिका】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
आँधी आई आँधी आई
गर्मी इसने खूब भगाई
(2)
बारिश बरसी हौले-हौले
धरती की सब तपन हटाई
(3)
सूरज के तेवर हैं ढीले
ठंडी अब सारी गरमाई
(4)
मजा पहाड़ों वाला आता
मैदानों में है ठंडाई
(5)
गर्मी की छुट्‌टी में प्यारे
गर्मी देती नहीं दिखाई
———————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

470 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
" यादों की शमा"
Pushpraj Anant
आस्था होने लगी अंधी है
आस्था होने लगी अंधी है
पूर्वार्थ
ट्रेन दुर्घटना
ट्रेन दुर्घटना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
2459.पूर्णिका
2459.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खाएँ पशु को मारकर ,आदिम-युग का ज्ञान(कुंडलिया)
खाएँ पशु को मारकर ,आदिम-युग का ज्ञान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
गौरैया बोली मुझे बचाओ
गौरैया बोली मुझे बचाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💐प्रेम कौतुक-263💐
💐प्रेम कौतुक-263💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
स्वागत है  इस नूतन का  यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
नेताम आर सी
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
आर.एस. 'प्रीतम'
*अम्मा*
*अम्मा*
Ashokatv
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
भोर
भोर
Omee Bhargava
इश्क का इंसाफ़।
इश्क का इंसाफ़।
Taj Mohammad
है नसीब अपना अपना-अपना
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
मुझ को अब स्वीकार नहीं
मुझ को अब स्वीकार नहीं
Surinder blackpen
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
umesh mehra
"आशा-तृष्णा"
Dr. Kishan tandon kranti
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मरने से
मरने से
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ते
रिश्ते
Punam Pande
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ
Ashok deep
Maine jab ijajat di
Maine jab ijajat di
Sakshi Tripathi
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
surenderpal vaidya
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...