गणेश वंदना
#साहित्य मनहरण घनाक्षरी
गौरा सुत को नमन
रोज सुबह वंदन
मंगल हो सारा दिन
कृपा ऐसी कीजिए ।
द्वादश नाम की माला
जपता नित गौशाला
दुष्ट प्रवृत्ति से पाला
नष्ट आप कीजिए ।
बुद्धि ज्ञान के प्रदाता
मंत्र जाप नहीं आता
महिमा आपकी गाता
ध्यान प्रभु दीजिए ।
शुभ लाभ लिए साथ
रिद्धि सिद्धि संग नाथ
वर देना दोनों हाथ
कृपा सदा कीजिए ।।
राजेश कौरव सुमित्र