गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
दिन छब्बीस जनवरी खासा।
दिवस यही गणतंत्र प्रकाशा।।
सन सेतालिस में आजादी ।
रुकी देश की तव बर्बादी ।।
जनता द्वारा जनता शासन।
संविधान रखता अनुशासन ।।
सफल प्रयास बनी पहचाना।
लिखित रूप रचा संविधाना।।
तय दिनांक करके हम राखी ।
पूर्ण स्वराज घोषणा साखी।।
लाहौर घोषणा की मजबूरी ।
तिथि छब्बीस जनवरी मूरी।।
ग्यारह माह समय दो वर्षा ।
दिवस अठारह लागा अर्सा।।
सन पचास का मास पुनीता।
संविधान जनता हित जीता।।
पर्व रूप यह दिवस हमारा।
लहरा रहा तिरंगा प्यारा ।।
आन बान अरु शान तिरंगा।
जन गण मन बहती मन गंगा ।।
राजेश कौरव सुमित्र