गगन भवन में घन हैं छाए
गगन भवन में घन हैं छाए
शीतल पवन संग लहराए ,
तपती धरती के आँचल में
हरा भरा संदेशा लाए ।
तरुवर बाग बाग मुस्काए
क्यारी , पौध धान लहराए,
गौरैया भी बैठ नीड़ में
नन्हें खग पर नेह लुटाए ।
खगकुल स्वर संगीत सुनाए
मोर रंगीन पर फैलाए,
दादुर बोले बीच सरोवर
मेघ बरसने को हैं आए ।
डॉ रीता सिंह
चन्दौसी सम्भल