खौफ ……….
खौफ ……….
खौफ नही मुझे अपने दुश्मन का,
उससे निपटना के गुर हमे बखूबी आते है
डर तो अपने प्रीतम प्यारो से लगता
जो प्यार के बदले अक्सर धोखा दे जाते है !!
!
!
डी. के. निवातियाँ ________@
खौफ ……….
खौफ नही मुझे अपने दुश्मन का,
उससे निपटना के गुर हमे बखूबी आते है
डर तो अपने प्रीतम प्यारो से लगता
जो प्यार के बदले अक्सर धोखा दे जाते है !!
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डी. के. निवातियाँ ________@