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22 Dec 2022 · 1 min read

*खेलते हैं दूसरी पारी, नमन है आपको (मुक्तक)*

खेलते हैं दूसरी पारी, नमन है आपको (मुक्तक)
_________________________
जिंदगी की जंग कब हारी, नमन है आपको
साधना हर दौर में जारी, नमन है आपको
आयु की बाधा कभी भी छू नहीं पाई जरा
खेलते हैं दूसरी पारी, नमन है आपको
_________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
208 Views
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