खूब सुशासन आपका
खूब सुशाशन आपका, खूब सियासी स्वाद ।
फिर से जंगल राज को,दिया आपने लाद ।।
दिया आपने लाद, भिगो कर जूता मारा ।
बनना तुम्हे प्रधान , यही है खेला सारा ।।
कह रमेश कविराय,बने हो आप दुशासन ।
मक्कारों के साथ, आपका खूब सुशासन ।।
रमेश शर्मा