Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2024 · 1 min read

खूब जलेंगे दीप

मुक्तक
~~~~
खूब जलेंगे दीप जब, जगमग चारों ओर।
हर्षित होकर हर जगह, झूम उठे मनमोर।
जग जाएगी मन सभी, नयी उमंगें खूब।
छट जाएंगे तमस के, घन सारे घनघोर।
~~~~
रौशन होती दीप से, हर घर की दहलीज।
श्रम से ही मिलती हमें, मुंह मांगी हर चीज।
किन्तु समय भी तो बहुत, होता है बलवान।
ऋतु आने पर अंकुरित, होते भू पर बीज।
~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
बेटी शिक्षा
बेटी शिक्षा
Dr.Archannaa Mishraa
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Agarwal
Prastya...💐
Prastya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
समय
समय
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3977.💐 *पूर्णिका* 💐
3977.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सब के सब
सब के सब
Dr fauzia Naseem shad
नवरात्रि-गीत /
नवरात्रि-गीत /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
म
*प्रणय प्रभात*
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
मैने वक्त को कहा
मैने वक्त को कहा
हिमांशु Kulshrestha
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
Shriyansh Gupta
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
पुष्प सम तुम मुस्कुराओ तो जीवन है ।
Neelam Sharma
!! आशा जनि करिहऽ !!
!! आशा जनि करिहऽ !!
Chunnu Lal Gupta
चित्र आधारित चौपाई रचना
चित्र आधारित चौपाई रचना
गुमनाम 'बाबा'
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
रास्ते अनेको अनेक चुन लो
रास्ते अनेको अनेक चुन लो
उमेश बैरवा
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
ये दौलत ये नफरत ये मोहब्बत हो गई
VINOD CHAUHAN
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
उस
उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है
Atul "Krishn"
आवाज़
आवाज़
Dipak Kumar "Girja"
बहुत टूट के बरसा है,
बहुत टूट के बरसा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
श्री नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि स्वरूप एक गीत
श्री नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि स्वरूप एक गीत
Ravi Prakash
" ज्ञान "
Dr. Kishan tandon kranti
दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
surenderpal vaidya
आगे का सफर
आगे का सफर
Shashi Mahajan
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
हम बच्चे
हम बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...