==खुशियाँ बांटता चल==
छोटी सी जिन्दगी है
बिता दे हंसने हंसाने में
बता क्या मिलेगा तुझे
किसी को रुलाने में।
पेट खुद का भरने से अधिक
सुख है औरों को खिलाने में।
दर्द भी दवा बन जाता है
दूजे का दर्द मिटाने में।
तेरी नैया वो पार करेगा
तू लगा दे पूरा मन
बेसहारों को सहारा दिलाने में।
देख फिर दाता की रहमत
खुशियों के हीरा मोती भर देगा
तेरे खजाने में।
यही कर्म हैं जो रखवाते हैं
तेरी नेकियों को
तेरे सत्कर्मों के खजाने में।
रंजना माथुर दिनांक 23/09/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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