Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

खुदगर्जो का नब्ज, टटोलना है बाकी ..

67…

बहर-ए-हिन्दी मुतकारिब मुसद्दस मुज़ाफ़
फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े
22222222222

खुदगर्जो का नब्ज, टटोलना है बाकी
भरी सभा में मेरा, बोलना है बाकी
#
मुझसे मेरी तन्हाई की, क्या होती हैं बातें
फर्क सामने से बस, तौलना है बाकी
#
घर से चला था, नजदीक समझ के शिवाले
तुम सामने आ दिखी, क्या सोचना है बाकी
#
यूँ लगता बरसों से, जानता हूँ तुझको
पर लगता खूब तुझको, समझना है बाकी
#
कुछ जगह से टूट गया , रिश्तो का धागा
नाजुक कडियाँ ही अब, जोड़ना है बाकी
#
कल संभावना की बाढ़ से, भरपूर थी नदी
आज सूखे में योजना , डुबोना है बाकी
#
हाशिये भर कागज़ में ,खुल के सब लिखना
बिन कहे कह जाती , आलोचना है बाकी
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग (छ.ग.)
susyadav7@gmail.com
7000226712
5.4.24.

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गर्व करो कि
गर्व करो कि
*प्रणय प्रभात*
" रीत "
Dr. Kishan tandon kranti
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
2542.पूर्णिका
2542.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
करारा नोट
करारा नोट
Punam Pande
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
नारी
नारी
Dr Parveen Thakur
बेटा बेटी है एक समान,
बेटा बेटी है एक समान,
Rituraj shivem verma
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
खींच तान के बात को लम्बा करना है ।
Moin Ahmed Aazad
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
नजरे मिली धड़कता दिल
नजरे मिली धड़कता दिल
Khaimsingh Saini
बातें करते प्यार की,
बातें करते प्यार की,
sushil sarna
खुद को सही और
खुद को सही और
shabina. Naaz
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नववर्ष का नव उल्लास
नववर्ष का नव उल्लास
Lovi Mishra
हालात ए वक्त से
हालात ए वक्त से
Dr fauzia Naseem shad
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
Dr Manju Saini
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
शेखर सिंह
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
ममतामयी मां
ममतामयी मां
Santosh kumar Miri
अपनों के बीच रहकर
अपनों के बीच रहकर
पूर्वार्थ
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Apne yeh toh suna hi hoga ki hame bado ki respect karni chah
Apne yeh toh suna hi hoga ki hame bado ki respect karni chah
Divija Hitkari
गंगा- सेवा के दस दिन (आठवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (आठवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
चाहत है बहुत उनसे कहने में डर लगता हैं
Jitendra Chhonkar
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
खुशियों की सौगात
खुशियों की सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
Loading...