खामोश अवशेष ….
खामोश अवशेष …
गोली
बारूद
धुआँ
चीत्कार
रक्तरंजित गर्द में डूबा
अन्धकार
शून्यता
इस पार भी और उस पार भी
बिछ गयी लाशें
हदों के इस पार भी
और हदों के उस पार भी
बस
शेष रहे
युद्ध के चीखते
मौन परिणाम
क्षत-विक्षित बेकसूर शवों के
ख़ामोश अवशेष
सुशील सरना