खामोशी से जी लु जरा
मेरी खामोशी मेरा दर्द
मेरा दर्द मेरी खुशी
मेरी खुशी मेरी तन्हाई
मेरी तन्हाई मेरी यादें
मेरी यादें मेरी जिंदगी
और मेरी जिंदगी मेरी खामोशी…..
खामोशी से जी लु जरा,
अब विरानो की खुशबू सी अच्छी लगती है,
अपने लिए जी लूं जरा,
अपनों में अब मजबूरी सी लगती है,
थोड़ी तन्हाइयों के साथ जी लूं जरा,
अब अपनों से दूरी सी लगती है,
जीता था कभी अपनों के लिए,
अब अपने अपनों के हो गए,
यह तो पुरानी रीत है सदा,
पुराने रिश्ते टूटते और नए बनते चले गए,
अब खामोशी से जी लूं जरा,
उमेंद्र कुमार