खामोशी भी कुछ कहती है
खामोशी भी बहुत कुछ कहती है,
मगर वो समझने वाली नजर चाहिए ।
खुशी में खामोशी की मंद मुस्कुराहट,
गम में अश़्कों को पढ़ने वाला चाहिए ।
यूं तो लाखों फिदा है मुस्कुराहट पर मेरी,
मगर वो दिल को हंसाने वाला चाहिए ।
साथी बहुत है जिंदगी के सफर में,
हाथ पकड़कर साथ चलने वाला चाहिए ।
यारों की यारी देख ली बहुत,
छू ले दिल को ऐसा दिलदार चाहिए।
बन के यायावर फिरता रहा जीवन में,
अब एक छोटा सा आशियाना चाहिए ।
देख लिया संसार को सारे,
अब अपना छोटा सा संसार चाहिए ।
बहुत अकेलापन है जीवन में,
एक संग दिल सनम चाहिए ।
डां. अखिलेश बघेल
दतिया (म.प्र.)