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9 Jan 2023 · 1 min read

ख़्वाहिशों का कोई

ख़्वाहिशों का कोई हिसाब न था ।
मेरी आंखों में कोई ख़्वाब न था ।।
अनगिनत सामने मेरे सवाल खड़े ।
पास मेरे मगर कोई जवाब न था ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
10 Likes · 461 Views
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