Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2022 · 1 min read

ख़्वाब पर लिखे कुछ अशआर

कैसी थी बेख़्याली कि आंखों को मल गये ।
हक़ीक़त की आंच से सब ख़्वाब जल गये ।।

मुस्कुराहट लबों की क्या कहिए ।
मेरी आंखों में ख़्वाब तेरे हैं ।।

मेरे ख़्वाबों पर हक़ तुम्हारा है ।
ये तसल्ली क्या दे नहीं सकते ।।

तरसी हुई नज़र को उम्मीद-ए-दीद है ।
आ ख़्वाब बन के आजा आंखों में नींद है ।।

ताबीर न हो जिसकी न वो ख़्वाब सजाओ ।
आंखों को हक़ीक़त का ये एहसास कराओ ।।

टूटना इनका भी तो लाज़िम था ।
हमने आंखों में ख़्वाब रक्खें थे ।।

नफ़रतो को कुछ ऐसा मोड़ दिया ।
सिलसिला ख़्वाब का भी तोड़ दिया ।।

ऐ ज़िन्दगी तुझे ख़ोकर ही ज़िन्दगी समझी ।
गुज़रते वक़्त के लम्हों की अहमियत समझी ।।

जो आज है वही आज है बस अपना ।
कहाँ किसी ने इस बात की अहमियत समझी ।।

नींदे भी ज़रूरी है आंखों को ख़वाब दो ।
ज़िंदगी के सवाल का ख़ुद ही जवाब दो ।।

नाज़ुक था आंखों से ख़्वाब का रिश्ता ।
अपनी पलकों पर ख़्वाब क्या बुनता ।।

ख़्वाबो की तेरी दुनिया हक़ीक़त से दूर है ।
ला-हासिल ख़्वाहिशों की तमन्ना फ़िज़ूल है ।।

मेरे हिस्से की नींद दे मुझको ।
अभी आंखों के ख़्वाब बाक़ी थे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
मेरा सोमवार
मेरा सोमवार
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
ईसा को सूली
ईसा को सूली
Shekhar Chandra Mitra
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
*Author प्रणय प्रभात*
अगर मैं अपनी बात कहूँ
अगर मैं अपनी बात कहूँ
ruby kumari
हौंसले को समेट कर मेघ बन
हौंसले को समेट कर मेघ बन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एक देश एक कानून
एक देश एक कानून
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
You cannot feel me because
You cannot feel me because
Sakshi Tripathi
***दिल बहलाने  लाया हूँ***
***दिल बहलाने लाया हूँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर तरफ खामोशी क्यों है
हर तरफ खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
gurudeenverma198
मेरे पूर्ण मे आधा व आधे मे पुर्ण अहसास हो
मेरे पूर्ण मे आधा व आधे मे पुर्ण अहसास हो
Anil chobisa
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
DrLakshman Jha Parimal
मनुष्य जीवन है अवसर,
मनुष्य जीवन है अवसर,
Ashwini Jha
शब्द
शब्द
Paras Nath Jha
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अच्छे   बल्लेबाज  हैं,  गेंदबाज   दमदार।
अच्छे बल्लेबाज हैं, गेंदबाज दमदार।
दुष्यन्त 'बाबा'
" पाती जो है प्रीत की "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कोई फैसला खुद के लिए, खुद से तो करना होगा,
कोई फैसला खुद के लिए, खुद से तो करना होगा,
Anand Kumar
सियासी खेल
सियासी खेल
AmanTv Editor In Chief
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
शीत ऋतु
शीत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
झाँका जो इंसान में,
झाँका जो इंसान में,
sushil sarna
खिलाडी श्री
खिलाडी श्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*सास और बहू के बदलते तेवर (हास्य व्यंग्य)*
*सास और बहू के बदलते तेवर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
इस बार फागुन में
इस बार फागुन में
Rashmi Sanjay
Loading...