“ख़्वाब को लेना नहीं कुछ नींद से या रात से। “ख़्वाब को लेना नहीं कुछ नींद से या रात से। ग़ौर से यदि देखिए तो ज़िंदगी ख़ुद ख़्वाब है।।” 😶प्रणय प्रभात😶