*खड़ा द्वार पर प्यार*
खड़ा द्वार पर प्यार
खड़ा द्वार पर प्यार,अँधेरा भागेगा।
अतिशय हर्षोल्लास,हृदय उठ जागेगा।
मन में जोश उमंग,कमल का आगम है।
आँखों में भरमार,नीर प्रिय सबनम है।
यह पावन मधुमास,हृदय में हलचल है।
आया आज बसंत,बहुत कोलाहल है।
मन नाचेगा आज,बहुत दीवाना है।
दिखे प्रीति बौछार,हृदय मस्ताना है।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।