Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2016 · 1 min read

खंजर की चुभन से ही मैं पहचान गया था

उस पर तो कभी दिल का कोई ज़ोर नहीं था
हमसा भी ज़माने में कोई और नहीं था

जिस वक़्त वो रुख्सद हुआ बारात की मानिंद
एक टीस सी उठी थी कोई शोर नहीं था

वीरान सी दुनिया में हम किस से बहलते
जंगल था उदासी थी कोई मोर नहीं था

दिल टूट गया था तो जुडाते कहीं जाकर
इस काम का दुनिया में कोई तोर नही था

खंजर की चुभन से ही में पहचान गया था
वो तू था मेरे दोस्त कोई और नहीं था

– नासिर राव

1 Comment · 543 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भोजपुरी गायक
भोजपुरी गायक
Shekhar Chandra Mitra
ईश्वर से शिकायत क्यों...
ईश्वर से शिकायत क्यों...
Radhakishan R. Mundhra
2454.पूर्णिका
2454.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"औरत”
Dr Meenu Poonia
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
Shweta Soni
जीवन एक यथार्थ
जीवन एक यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
चंदा मामा सुनो ना मेरी बात 🙏
चंदा मामा सुनो ना मेरी बात 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
Sonu sugandh
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
Seema gupta,Alwar
खामोशियां मेरी आवाज है,
खामोशियां मेरी आवाज है,
Stuti tiwari
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अतीत - “टाइम मशीन
अतीत - “टाइम मशीन"
Atul "Krishn"
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
कदमों में बिखर जाए।
कदमों में बिखर जाए।
लक्ष्मी सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
■ अब भी समय है।।
■ अब भी समय है।।
*Author प्रणय प्रभात*
विविध विषय आधारित कुंडलियां
विविध विषय आधारित कुंडलियां
नाथ सोनांचली
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
*वृद्धावस्था : सात दोहे*
Ravi Prakash
प्रारब्ध भोगना है,
प्रारब्ध भोगना है,
Sanjay ' शून्य'
" नारी का दुख भरा जीवन "
Surya Barman
आदत में ही खामी है,
आदत में ही खामी है,
Dr. Kishan tandon kranti
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
सीखा दे ना सबक ऐ जिंदगी अब तो, लोग हमको सिर्फ मतलब के लिए या
Rekha khichi
मैंने  देखा  ख्वाब में  दूर  से  एक  चांद  निकलता  हुआ
मैंने देखा ख्वाब में दूर से एक चांद निकलता हुआ
shabina. Naaz
💐प्रेम कौतुक-376💐
💐प्रेम कौतुक-376💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“अकेला”
“अकेला”
DrLakshman Jha Parimal
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
किस्सा मशहूर है जमाने में मेरा
किस्सा मशहूर है जमाने में मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
अमिट सत्य
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...