क्या यह ठीक हुआ?
क्या यह ठीक हुआ,
जिसकी कोख में
पले बढ़े और फिर
दुनिया में जनम लिया
उसे ही घर से बाहर किया?
क्या यह ठीक हुआ,
हाथों ने जिसके पकड़कर
ऊंगलियाँ हमें चलना सिखाया
आज उसे ही खदेड़कर उनके
घर से बाहर निकाल दिया?
क्या यह ठीक हुआ,
संतान के लिए हर दुख
सहेजता से सहने वाले
बुजुर्ग माता-पिता को
दर दर भटकने के लिए
सड़क पर छोड़ दिया गया?
क्या यह सबकुछ ठीक हुआ??