Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2024 · 1 min read

क्या आजाद हैं हम ?

विषय :क्या आजाद हैं हम

इस सोने के पिंजरे में कैद है
इसमें भरी है मोह माया
इसमें भरे राग -द्वेष हैं
अंतर्मन बस एक बात ही पूछे
क्या आज़ाद है हम।

अब पहले सा बुजुर्गों का साथ कहाॅं !
अब पहले सा भाईचारा कहाॅं !
अब पहले से वह घर परिवार कहाॅं !
ऐसे हालातो में कैसे कह दे
क्या आजाद है हम।

बड़े-बड़े घरों में अब
छोटे-छोटे मन के लोग हैं रहते
अपनी खुशियों की खातिर हो
अंधा, गूंगा, बहरा सब बन जाते
ऐसे परिवेश में सांसे लेकर
क्या आजाद हैं हम।

मन की व्यथा अब कोई न समझे
अपनी -अपनी डफली
अपना- अपना राग सुनाते
अपनी खातिर अपनों का ही
सर्वनाश कर जाते हैं
ऐसे में क्या!आजाद हैं हम।

हरमिंदर कौर, अमरोहा (यूपी)

2 Likes · 87 Views

You may also like these posts

गुमनाम रहने दो मुझे।
गुमनाम रहने दो मुझे।
Satish Srijan
-0 सुविचार 0-
-0 सुविचार 0-
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तुम क्या आए
तुम क्या आए
Jyoti Roshni
ख़ुद के लिए लड़ना चाहते हैं
ख़ुद के लिए लड़ना चाहते हैं
Sonam Puneet Dubey
शिक्षा एवं आजीविका
शिक्षा एवं आजीविका
Shyam Sundar Subramanian
*दादी की बहादुरी(कहानी)*
*दादी की बहादुरी(कहानी)*
Dushyant Kumar
फेर ना होई रात ई
फेर ना होई रात ई
Shekhar Chandra Mitra
.......रूठे अल्फाज...
.......रूठे अल्फाज...
Naushaba Suriya
मच्छर
मच्छर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
संस्कार
संस्कार
Sanjay ' शून्य'
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
फूल
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मजदूर
मजदूर
Preeti Sharma Aseem
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
पापा जी..! उन्हें भी कुछ समझाओ न...!
पापा जी..! उन्हें भी कुछ समझाओ न...!
VEDANTA PATEL
रात
रात
SHAMA PARVEEN
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Acrostic Poem
Acrostic Poem
jayanth kaweeshwar
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
Dr Archana Gupta
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)
Ravi Prakash
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
मेरे एहसास
मेरे एहसास
Dr fauzia Naseem shad
बेटा
बेटा
अनिल "आदर्श"
It is what it is
It is what it is
पूर्वार्थ
"जमाने को"
Dr. Kishan tandon kranti
आपसे गुफ्तगू ज़रूरी है
आपसे गुफ्तगू ज़रूरी है
Surinder blackpen
3922.💐 *पूर्णिका* 💐
3922.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इज़राइल और यहूदियों का इतिहास
इज़राइल और यहूदियों का इतिहास
अमित
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
Loading...