Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2022 · 1 min read

कौन हो तुम….

ये जो मलय बयार बनके आए हो
ये जो हल्के खुमार सा तुम छाए हो
ये जो धकधक माही समाए हो
कौन हो तुम अपने हो या पराए हो

ये जो श्वास श्वास महकाए हो
ये जो सुध बुध मोरी बिसराए हो
ये जो प्रेम की धुनकी लगाए हो
कौन हो तुम अपने हो या पराए हो

ये जो बिन दस्तक घुस आए हो
ये जो उर आँगन सुमन बिछाए हो
ये जो नयनों में सपन जगाए हो
कौन हो तुम अपने हो या पराए हो

न अपनों की परख समझाए हो
न ही ग़ैरों की पहचान बताए हो
इक डर दिल दहलीज़ बिठाए हो
ये प्रेम है या भ्रम कोई रचाए हो

रेखांकन।रेखा ड्रोलिया

Language: Hindi
1 Like · 262 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"वो दिन दूर नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
कि मुझे सबसे बहुत दूर ले जाएगा,
कि मुझे सबसे बहुत दूर ले जाएगा,
Deepesh सहल
23/121.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/121.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्तों में वक्त
रिश्तों में वक्त
पूर्वार्थ
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
Rashmi Ranjan
बेटा बेटी का विचार
बेटा बेटी का विचार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कभी सरल तो कभी सख़्त होते हैं ।
कभी सरल तो कभी सख़्त होते हैं ।
Neelam Sharma
तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
Ram Krishan Rastogi
लड़की कभी एक लड़के से सच्चा प्यार नही कर सकती अल्फाज नही ये
लड़की कभी एक लड़के से सच्चा प्यार नही कर सकती अल्फाज नही ये
Rituraj shivem verma
* करते कपट फरेब *
* करते कपट फरेब *
surenderpal vaidya
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
Bodhisatva kastooriya
गौरैया
गौरैया
Dr.Pratibha Prakash
संगठग
संगठग
Sanjay ' शून्य'
*अजीब आदमी*
*अजीब आदमी*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम निभाना
प्रेम निभाना
लक्ष्मी सिंह
राम विवाह कि मेहंदी
राम विवाह कि मेहंदी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
शेखर सिंह
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
VINOD CHAUHAN
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जिंदगी का सबूत
जिंदगी का सबूत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जन्म गाथा
जन्म गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
ज़िंदगी की ज़रूरत में
ज़िंदगी की ज़रूरत में
Dr fauzia Naseem shad
" बंदिशें ज़ेल की "
Chunnu Lal Gupta
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
गांव की बात निराली
गांव की बात निराली
जगदीश लववंशी
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
श्री राम अर्चन महायज्ञ
श्री राम अर्चन महायज्ञ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...