#कौडी
🙏उन मित्रों के लिए पंजाबी कविता देवनागरी लिपि में प्रस्तुत है, जो पंजाबी भाषा तो जानते हैं लेकिन, गुरमुखी लिपि से परिचित नहीं हैं।
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★ #कौडी ★
खोटे नसीब मेरे
ताहीओं रुल गईयां
मालक जो मेरे मैं
उन्हांनूं भुल्ल गईयां
खोटे नसीब मेरे . . .
दु:खां वाला बूटा
यादां सिंज गईयां
मलूकड़ा दिल मेरा
रूँ वांग पिंज गईयां
खोटे नसीब मेरे . . .
सिरों लत्थी चुन्नी वांग
छिज्ज-छिज्ज गईयां
वर्रया विछोड़े दा मींह
मैं भिज्ज गईयां
खोटे नसीब मेरे . . .
वगदी नदी दा पाणी
मैं खड़ गईयां
हाड़ दे महीने हाय
मैं हड़ गईयां
खोटे नसीब मेरे . . .
गल सुण मेरी, दस्से
दिशावां खलो गईयां
कल रातीं मेरे नाल
रो रो गईयां
खोटे नसीब मेरे . . .
तुरी जांदी अग्गे-अग्गे
पिच्छे नूँ भौंअ गईयां
जदों सजण आए
मैं सौं गईयां
खोटे नसीब मेरे . . .
प्रीत वाली गंढ मेरी
हत्थीं मेरे खुल्ल गईयां
हीरे जेही तेरे बाझों
कौडी भाअ तुल गईयां
खोटे नसीब मेरे . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०१७३१२