कोरोना
गजल
रोग ये तो मुसीबत लिए देश में।
आ गया अब करोना के भेष मे।।
सब परेशान है आजकल देखिये।
है महामारी ये देश परदेश में।।
हर तरफ भुखमरी इस क़दर हो गयी।
छाया मातम यहाँ देखो परिवेश में।।
क्या गली क्या नगर सब ही वीरान हैं।
सब नज़र आ रहे एक ही वेश में।।
ये तो अच्छा हुआ लॉकडाउन किया।
देश इक जुट हुआ एक आदेश में।
ध्यान दो सावधानी बरतना ज़रा।
है निवेदन यही आज संदेश में।
अब तो हितकर है ‘रेनू’ सभी के लिए।
घर से बाहर न निकलो यूँआवेश में।।
रेनू सिंह राज “