” कोरोना वायरस “
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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जहाँ देखो कोरोना वायरस
का बर्चस्य फैल रहा है
हरेक देश इसके तांडव को
बड़े करीब से देख रहा है !!
जो देश अपनी उंगलिओं में
विश्व को नाचने का काम करते थे
अपनी घृणित चालों को चल कर
प्रकृति से खिलवाड़ करते थे !!
आज अदृश्य कोरोना के
कीटाणुओं ने सब को अपनी
औकात बता दिया
जो विश्व पटल पर पहलवान
बनना चाहते थे
उसको शिखंडी बना दिया !!
किसीने विश्व के दौरे में
अपने अभिमान को सदा
अनिवार्य माना
राष्ट्र हित , रोजगार ,आर्थिक
और स्वास्थ को भी ना पहचाना !!
आपदा में यदि नेतृत्व सक्षम है नहीं
हम उनको हमदर्द कैसे कहेंगे ?
आज जितने बेघर हुए हैं यहाँ पर
उसके दुःख को भला कैसे सहेंगे !!
सब लोग युध्य स्तर पर
मुश्किलों से जूझना का
कौशल सीखते हैं
हम स्वास्थ्य कर्मियों की
उपेक्षा करके मौत के मुंह में झौंकते हैं !!
नेता वही होता सजग है
इस जहाँ में
इतिहास से जब वह सीखता है
आपदा आने से पहले
देश पर स्वयं को
हर मुसीबत में तैयार रखता है !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल “