” कोरोना का नुस्खा “
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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हम विस्थापित
हो गए !
काम हमारे
छुट गए !!
कोरोना के कहरों
ने हमें निवस्त्र
कर दिया !
नौकरियां छुट गयी
हमें बेघर
कर दिया !!
काम बंद
ट्राम बंद
बंद हुयी रेल गाड़ी !
सोशल डिस्टेंस
रखने को
मास्क मुंह
में रखने को
सीखा दिया महामारी !!
प्यार के दरबाजे
बंद हुए
बंद हुयी शादियाँ !
हम कितने
मस्त थे
अब बढ़ी दूरियां !!
अब नायब नुस्खे
का इजाद
हो गया है !
हमें अपने को सुरक्षित
रखने का मन्त्र
आ गया है !!
अब दूर रहकर
थाली ,घंटी
और चम्मच
पीटना है !
कभी अपने घरों
की रौशनी को बुझा कर
लालटेन दीपक
जलना है !!
कोरोना को
भागने के लिए
हमें शायद एक जैसे
वस्त्र पहने होंगे !
लॉक डाउन के
समापन पर
फिर से शंख
घरों के छत
पर चढ़कर
बजाने होंगे !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
दुमका