कोई मरता हो मरे अब यँहा सोचता कौन हैं
अपने अपने किरदारों को ढूंढता कौन हैं
कोई मरता हो मरे अब यँहा सोचता कौन हैं
हमे क्या मतलब किसी को क्या होगी परेशानी
कोर्ट के आदेशों को कोई अब मानता कौन हैं
नही फ़िक्र किसी को किसी की,सब मग्न यँहा
सब के सब जल रहे खुद में,खुद को देखता कौन हैं
हम तो अपने अपने धर्मो को मानेगे
अब यह देखते हैं हमे रोकता कौन हैं
तुम पे इतना दम कंहा जो कुछ कहो
ये तो जनता हैं पता नही सरकार कौन हैं
सब ने सबको खूब उलझाया इतना
पता नही अब इनको सुलझाता कौन हैं
अपने अपने किरदारों को ढूंढता कौन हैं
कोई मरता हो मरे अब यँहा सोचता कौन हैं
क्या करना हैं मरता हैं तो मरे कोई
यँहा अपना सगा सम्बन्धी कौन हैं!!
-आकिब जावेद
#Smog #climate_Change