कोई भुतहा कहानी
ऐसा फंदा कसा है
उसके गले में कि
मरने तो बेशक नहीं पर
खुद के सिवाय वह उसे
किसी और के लिए जीने नहीं दे
रही
नस नस में बदमाशी
रग रग में खुदगर्जी
बस खुद के लिए जीती
खुद के बारे में ही हर समय
सोचती
दूसरों के लिए
अपने दिल के सारे दरवाजे बंद
करती
चेहरे से शराफत का ढोंग करती
चालाकी, धूर्तता और
कायरता की
चलती फिरती एक
काले साये सी
सबको नुकसान पहुंचाती
कोई भुतहा कहानी है यह तो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001