कोई बात नहीं
मुझसे अपनों का ये बेगानापन है तो
कोई बात नहीं
करने के लिए…
मेरे खिलाफ़ ही साज़िश है…तो
कोई बात नहीं
..
वो मिल रहा है हर एक से मुहब्बत से
उसे मुझसे ही अदावत है…तो
कोई बात नहीं
..
तंगदिल लोग है
दुनिया में वफ़ा क्या जाने..
मेरी वफ़ा का यही सिला है….. तो
कोई बात नहीं
..
हमारा ज़र्फ़ है ये
हम ऐसा कर नहीं सकते.
.ये तो तुम लोगो ने किया है……. तो
कोई बात नहीं
जरा सी बात का शिकवा भी क्या
शिकायत क्या…
अब जमाने का चलन बद से बद्तर है..तो
कोई बात नहीं
…
क्या कहू इतने मुखलीफ है मेरे
..फिर भी
खुदा का खास करम है मुझ पर
जनाब
जमाना चलता रहे चाल… ए
तो कोई बात नहीं……शबीनाज