** कैसे भूल जाऊं **
कैसे भूल जाऊं अपने दिल की आवाज़
दिल को कैसे समझाऊं दिल की बात
कैसे भूल जाऊं ………..
कैसे मैं मर जाऊं, झूठी शान के लिए
घुट-घुट के ना मर जाऊं शान के लिए
कैसे भूल जाऊं ………..
भूलूं अब कैसे संग-संग बीती वो रैना
तुम बिन आये ना अब दिल को चैना
कैसे भूल जाऊं ………….
दिल क्यूं जलाऊं ग़म की अगन में
लागी लगन तोसे दिल क्यूं जलाऊं मैं
कैसे भूल जाऊं………….
कैसे दिलाऊं अब दिल को दिलाशा
यादों को तेरी अब दिल से लगा कर
कैसे भूल जाऊं…………..
झूठी है शान अपनी जीवन की शाम
मैंने तो कर दी बस जिंदगानी तेरे नाम
कैसे भूल जाऊं…………
?मधुप बैरागी