कैसी अजब कहानी लिखूं
कैसी अजब कहानी लिखूं
किन आंखों का पानी लिखूं ।
यह वर्तमान के हालातों को
सरकारों की जवानी लिखूं।।
कानूनों का पालन लिखूं..
मजदूरों के आंसू लिखूं ।
राजनीति की कमियां लिखूं
कैसे यह खामोशी लिखूं ।।
धर्म का यह लोप लिखूं
प्रकृति का प्रकोप लिखूं।
कैसे यह निष्क्रियता लिखूं
कैसी यह लाचारी लिखूं ।।
उजड़ा हुआ सिंदूर लिखूं
दवाओं की नीलामी लिखूं
चिकित्सको का शुल्क लिखूं
या उजड़ा हुआ मुल्क लिखूं ।।
सभी मुनाफे में आमादा
किस की कमियां लिखूं।
उम्मीदों के सागर लिखूं
या हाथों का गागर लिखूं।।
✍कवि दीपक बवेजा