केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है।
केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है। इससे भाग्य भी विमुख हो जाता है और कर्म तो हम पहले ही छोड़ चुके होते हैं।
Paras Nath Jha
केवल भाग्य के भरोसे रह कर कर्म छोड़ देना बुद्धिमानी नहीं है। इससे भाग्य भी विमुख हो जाता है और कर्म तो हम पहले ही छोड़ चुके होते हैं।
Paras Nath Jha