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16 Aug 2017 · 1 min read

कृष्ण मुरारी

?????
पाँव पायलिया अधर मुरलिया,
छम-छम नाच रहे कृष्ण मुरारी।
चाँद से मुख पे बड़ी-बड़ी अंखियां,
काले-काले लट लटके घुंघरारी।
मोर मुकुट, पीताम्बर अति सोहे,
कान कुण्डल की छबि न्यारी।
माथे तिलक,गलमाल,कटि कछनी,
जादू भरी सूरत सलोनी सांवरी।
मातु यशोदा पुलकित अति हर्षित,
नंद आँगना जन्म लियो अवतारी।
लूट-लूट माखन-दधि खावे,
मटकी फोड़, रोक लई ब्रजनारी।
बृन्दावन के कुंजगलिन में रास रच्यो,
गोपियन संग यमुना तट बनवारी।
प्रीत लगा कर मन हर लिन्यो,
मनमोहन नटवर कुंज – बिहारी।
बड़े-बड़े देव खड़े दर्शन को,
करें विनती बार – बार बलिहारी।
चाकर तेरी तो मैं जनम-जनम की,
चरण कमल राखो मोहे गिरधारी।
???? —लक्ष्मी सिंह ?☺

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 793 Views
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