कृष्णा आप ही…
कृष्णा आप ही…
कृष्णा आप ही आकाश में ध्वनि,
और पृथ्वी में पवित्र सुगन्ध हो,
आप ही जल का स्वाद,
और सूर्य, चंद्रमा का प्रकाश हो,
कृष्णा आप ही, बुद्धिमानो की बुद्धि,
और तेजस्वी मनुष्यों का तेज हो,
आप ही, अग्नि में ऊष्मा,
और समस्त प्राणियों में वायु रूप में प्राण हो।।
सीमा टेलर ‘तु है ना’ (छिम़पीयान लम्बोर)