कुर्सी
चार पैरों की बनी हुई
एक निर्जीव वस्तु,
जो देखने में अति साधारण
एक अंश है हमारे
आम जीवन की,
मगर आज कुर्सी की
अहमियत दुनिया में
बढ़ती नजर आ रही है,
सभी कुर्सी के लिए
पागलपन की हद तक
गुजरने को भी तैयार है,
कभी कुर्सी के लिए
लोगों का गला काटा जाता है
तो कभी कुर्सी के लिए
सड़क पर दंगे होते है,
कभी कुर्सी को
गले लगाया जाता है
नई दुल्हन की तरह,
कभी कुर्सी के गम में
मातम मनाया जाता है
मौत की शोक की तरह;
न जाने क्या
जादू किया है कुर्सी ने
सभी इसको पाना चाहता है ,
एक बेजान चीज को देखो
आज लोगो ने जानदार बना दिया है ।