कुत्ते 【 दो कुंडलियाँ 】
कुत्ते 【 दो कुंडलियाँ 】
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एक : कटखने कुत्ते : {कुंडलिया}
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बचकर कुत्तों से चलें ,कैसे सम्मुख प्रश्न
गलियों में यह शाम से ,करते दिखते जश्न
करते दिखते जश्न ,संग में सात टहलते
आवारा बदनाम ,नहीं टाले से टलते
कहते रवि कविराय ,काट यह लेते अक्सर
मुश्किल सबसे काम ,निकलना इनसे बचकर
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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दो : कुछ कुत्ते निष्काम (कुंडलिया)
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आवारा कुत्ते हुए ,बेचारे बदनाम
सब कब होते कटखने ,कुछ कुत्ते निष्काम
कुछ कुत्ते निष्काम ,झिड़कियाँ दिन-भर खाते
गुट्टी-कंकड़ मार ,दुष्ट-जन इन्हें सताते
कहते रवि कविराय ,भौंकना इनका प्यारा
इन से डरते चोर ,धन्य कुत्ते आवारा
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451