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3 Jul 2021 · 1 min read

कुण्डलिया

बेसी जहर त साँप से ,भरले बा इंसान
मुँह पर बोलत मीठ बा,इहे हवे पहचान
इहे हवे पहचान,बाँचि के रहीहs बबुआ
करेला गुणगान उ,हऊवे बड़का लफुआ
सब देखावे साँच, बनेला बड़का देसी
बोले दिनभर झूठ,बेंचेला जहर बेसी

गणेश नाथ तिवारी”विनायक

Language: Bhojpuri
Tag: छंद
1 Like · 1 Comment · 333 Views

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