कुण्डलिया ..हरियाणवी
इब के नया होग्या जिब के पुराना था,
हांगे आले मारैं मसकोड़ा हाल बुरा होग्या,
हाल बुरा होग्या फैला अखत अंधकार,
माणस माणस का बैरी होग्या,यो धर्म नहीं.
जात-पात और बरण का जमावड़ा होग्या,
हिंदू अर तुरकन मह के न्यूं ही झगड़ा रहैगा.
डॉ_महेन्द्र