कुछ हो नहीं पाएगा
जब सब टूटने लगे
साथ सब का छुटने लगे
जब तुम्हारे होने से किसी को
कोई फर्क नहीं पड़े
जब चारो तरफ तुम्हें सब कोसने लगे
जब ऐसा लगे कि अब लगता है
कुछ हो नहीं पाएगा
जब सब कहे की
अरे ये लड़का क्या ही कर पाएगा
तब अपने पिता की आंखों में झांक लेना
अपनी मां से गले लग कर रो लेना
और फिर लग जाना
अपने सपनों का पीछा करने
क्योंकि कतरा भर रोशनी
उस खुदा ने ज़रूर बचा रखा होगा
तुम्हारी ज़िंदगी को रौशन करने
तुम बस ख़ुद के यकीन को मजबूत रखना
तुम्हारे क़दम जो लड़खड़ाए
बीच रास्ते में कहीं
तो इतना समझना
बिना गिरे कोई उठा ही नहीं
बिना संघर्ष के जीवन का कोई मोल नहीं
..अभिषेक राजहंस