कुछ सामान बेचते हैं
कुछ सामान बेचते हैं
कुछ दुकान बेचते हैं
कुछ हालात के मारे
अपना मकान बेचते हैं
कुछ ऐसे अक्लमंद हैं
किमती ज़ुबान बेचते हैं
वक्त के थपेड़े से हारे
दिले अरमां बेचते हैं
सब बिके तो बिके”नूरी”
रब् कुछ तो ईमान बेचते हैं
नूरफातिमा खातुन”नूरी”