कुछ लिखूँ…..!!!
समय के उस पार
बहुत सी स्मृतियाँ हैं
कलम भी हाथ में है
सोचती हूँ ~
उन पर कुछ लिखूँ
शब्दों का रूप दूँ
मगर किस – किस पर
क्या और कितना
बस यही उलझन है
सुलझ जाए तो लिखूँ
एक नयी कविता
एक नयी गज़ल
या फिर ~
एक नया गीत
कुछ लिखूँ मगर …!!!
दिनांक :- २१/०३/२०२४.