कुछ तो ऐसे हैं कामगार,
कुछ तो ऐसे हैं कामगार,
कम मेहनत में हैं दामदार।
कुछ श्रमिक हैं बुद्धिबल में,
निपटा देते पल दो पल में।
भविष्य के साथ निधि भी है,
जीने की सुंदर विधि भी है।
संसाधन से भरपूर हैं ये,
ये भी तो एक मजदूर हैं ये।
श्रमिक दिवस विशेष 01.05.23