कुछ करो सुधार
?????
भले कर्म अनमोल हैं बन्धु,
बुरे कर्म सब मिट्टी-धूल।
प्रभु के हाथ सब लेखा-जोखा,
वह सब कर लेता है “वसूल”।।
?????
नेकी का तुम सदा साथ दो,
बदी को नष्ट करो समूल।
जैसे दुष्टों का है संहारक,
भोले नाथ का प्रिय “त्रिशूल”।।
?????
आम कहां पाओगे भैया,
जब खुद ही बोओगे बबूल।
भला चाहो तो भला करो सदा,
यही है बात का असली “मूल”।।
?????
हुई त्रुटि तो मांग ली माफी,
बड़े सदा जो रखें ये उसूल।
छोटों से भी करें क्षमायाचना,
अहंकार करें कभी न “भूल”।।
?????
बात समझ की करो मेरे बंधु,
ना करना तुम बातें फिज़ूल।
दूजों के दोष तुम तभी गिनाना,
जब खुद की कमियां करो “कबूल”।।
?????
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
# साहित्य_सागर