कुंडलिया
भूले से करना नहीं, पत्नी से तकरार ।
निश्चित है श्रीमान जी, होनी इसमें हार ।
होनी इसमें हार , सयानों का है कहना ।
सुखी वही इन्सान,मौन जो जाने रहना ।
कह ‘सरना’ कविराय,झूलता सुख के झूले ।
जो पत्नी की माँग , भूल से कभी न भूले ।
सुशील सरना /