कुंडलिनी
डॉ0 रामबली मिश्र की प्यारी कुंडलिनी
जिसका हृदय अमूल्य है,मन में मधुर उमंग।
देता रहता विश्व को,मधुमय मोहक रंग।।
कहें मिश्र कविराय,जगत में वन्दन उसका।
पाता मधु सम्मान,हृदय उन्नत है जिसका।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
डॉ0 रामबली मिश्र की प्यारी कुंडलिनी
जिसका हृदय अमूल्य है,मन में मधुर उमंग।
देता रहता विश्व को,मधुमय मोहक रंग।।
कहें मिश्र कविराय,जगत में वन्दन उसका।
पाता मधु सम्मान,हृदय उन्नत है जिसका।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।