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20 Jun 2024 · 1 min read

कुंडलिनी

डॉ0 रामबली मिश्र की प्यारी कुंडलिनी

जिसका हृदय अमूल्य है,मन में मधुर उमंग।
देता रहता विश्व को,मधुमय मोहक रंग।।
कहें मिश्र कविराय,जगत में वन्दन उसका।
पाता मधु सम्मान,हृदय उन्नत है जिसका।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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